हर आदमी को जीवन में दो चीजों की जरूरत होती है, पहली सफलता और दूसरी शांति। हर कोई जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता चाहता है, परिवार, पढ़ाई, नौकरी, प्रेम और व्यवसाय। इसके लिए हम जिंदगीभर तरह-तरह के प्रयोग भी करते हैं और उनसे जूझते भी हैं, कई लोगों को सफलता भी मिल जाती है लेकिन शांति नहीं मिलती।
सफलता के साथ शांति भी चाहिए तो हमें थोड़ा आध्यात्मिक होना पड़ेगा। धर्म के जरिए छोटे-छोटे से प्रयोगों से हमें बड़ी सफलताएं भी मिलेंगी और सफलता शांतिभरी भी होगी। जप एक ऐसा ही प्रयोग है। जप अगर सही विधि से किया जाए तो इससे सफलता को ज्यादा अच्छे से हासिल किया जा सकता है। लोग जप के नाम पर केवल माला फेरते हैं और समझते हैं कि जप हो गया। जप करने की पूरी एक विधि और कुछ नियम होते हैं।
अगर इनके जरिए जप किए जाएं तो फिर कभी असफलता हाथ नहीं लगेगी।
- जप के लिए दो तरीके हैं या तो आप अपनी राशि के अनुसार बताए गए भगवान का जप करें या फिर जिस भगवान में आपकी आस्था हो उसका जप करें।
- जप के लिए सुबह सूर्योदय से पहले जागें, स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य और तुलसी को अघ्र्य दें।
- जप के लिए ऐसे साफ कपड़े पहने, यह ध्यान रखें कि वे सिर्फ जप के समय ही पहने जाएं।
- एकांत में बैठकर सुगंधित अगरबत्ती जला लें और पहले दो मिनट तक ऊँ का उच्चारण करें।
- जब आपको लगे कि आपकी एकाग्रता बन चुकी है तो जप शुरू करें।
- कोई नियम न बनाएं कि कितनी माला करनी है, जब तक आपकी एकाग्रता बनी रहे, तब तक जप करते रहें।
- जप के बाद ध्यान रखें दिन में जब भी थोड़ा खाली समय मिले उस मंत्र को मन ही मन दोहराते रहें।
ऐसे जप करेंगे तो आपको काम में ज्यादा सफलता मिलेगी ही कभी परेशानी भी नहीं आएगी।
11:15 AM
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